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दिव्यांगजन अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) अधिनियम, 2016 की धारा 21 निम्न प्रकार है :

(1) प्रत्येक प्रतिष्ठान केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित विधि से इस अध्याय के प्रावधानों के अनुसरण में उनके द्वारा किए जाने वाले प्रस्तावित उपायों का विवरण देते हुए समान अवसर नीति को अधिसूचित करेगा।

(2) प्रत्येक प्रतिष्ठान उक्त नीति की एक प्रति मुख्य आयुक्त या राज्य आयुक्त, जैसा भी प्रकरण हो, के पास पंजीकृत करेगा।

 

दिव्यांगजन अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) नियम, 2017 का नियम 8 आगे समान अवसर नीति के प्रकाशन की विधि प्रदान करता है, जो निम्न प्रकार हैं :-

(1) प्रत्येक प्रतिष्ठान दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समान अवसर नीति प्रकाशित करेगा।

(2) प्रतिष्ठान समान अवसर नीति को अधिमानतः अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करेगा, जिसमें विफल होने पर, उनके परिसर में सहजदृश्य स्थानों पर प्रदर्शित करेगा।

(3) बीस या अधिक कर्मचारियों वाले निजी प्रतिष्ठान और सरकारी प्रतिष्ठानों की समान अवसर नीति में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल होंगे, अर्थात् : -

  • दिव्यांग व्यक्तियों को प्रतिष्ठान में अपने कर्तव्यों का प्रभावी ढंग से निर्वहन करने में सक्षम बनाने के लिए प्रदान की जाने वाली सुविधाएँ और साधन;
  • प्रतिष्ठान में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उपयुक्त चिन्हित पदों की सूची;
  • विभिन्न पदों के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के चयन की विधि;
  • भर्ती के बाद और पदोन्नति पूर्व प्रशिक्षण;
  • स्थानांतरण और तैनाती में वरीयता;
  • विशेष अवकाश, आवासीय आवास के आवंटन में वरीयता, यदि कोई हो, और अन्य सुविधाएँ;
  • दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सहायक उपकरणों, बाधा मुक्त पहुँच और अन्य सुविधाओं का प्रावधान;
  • दिव्यांग व्यक्तियों की भर्ती की कार्यवाही के लिए प्रतिष्ठान द्वारा सम्पर्क अधिकारी की नियुक्ति।

 

(4) बीस से कम कर्मचारियों वाले निजी प्रतिष्ठान की समान अवसर नीति में दिव्यांग व्यक्तियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाएँ और साधन शामिल होंगे, ताकि वे प्रतिष्ठान में अपने कर्तव्यों का प्रभावी ढंग से निर्वहन कर सकें।

विभिन्न संगठनों ने अपनी ‘समान अवसर नीति’ मुख्य आयुक्त-दिव्यांगजन को पंजीकरण के लिए प्रस्तुत की हैं और प्रारम्भिक जाँच के बाद उन्हें वापस कर दिया गया, ताकि आरपीडब्ल्यूडी नियम, 2017 के नियम 8 के तहत उल्लिखित उपरोक्त मानदंडों को ध्यान में रखते हुए उसे पुनः तैयार किया जा सके।