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सुगम्यता से सम्बन्धित आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 की धाराएँ

 

40. सुगम्यता

केन्द्र सरकार, मुख्य आयुक्त के परामर्श से, भौतिक वातावरण, परिवहन, उपयुक्त प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों सहित सूचना और संचार तथा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनता को प्रदान की जाने वाली अन्य सुविधाओं और सेवाओं के लिए सुगम्यता के मानदंड निर्धारित करते हुए दिव्यांग व्यक्तियों के लिए नियम तैयार करेगी। 

 

41. परिवहन की सुगम्यता

1) उपयुक्त सरकार निम्नलिखित प्रदान करने के लिए उपयुक्त उपाय करेगी-

  • दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बस स्टॉप, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर पार्किंग स्थलों, शौचालयों, टिकट काउंटरों और टिकटिंग मशीनों की सुगम्यता मानकों के अनुरूप सुविधाएँ;
  • परिवहन के सभी साधनों की सुगम्यता, जो डिजाइन मानकों के अनुरूप हों, जिसमें तकनीकी रूप से व्यवहार्य और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुरक्षित, आर्थिक रूप से संभाव्य और डिजाइन में बड़े संरचनात्मक परिवर्तन किए बिना, परिवहन के पुराने साधनों की रेट्रोफिटिंग करना शामिल है;
  • दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आवश्यक गतिशीलता की सुविधा के लिए सुगम्य सड़कें।

(2) उपयुक्त सरकार दिव्यांग व्यक्तियों की व्यक्तिगत गतिशीलता को वहनीय लागत पर बढ़ावा देने के लिए निम्न के लिए योजनाएँ और कार्यक्रम तैयार करेगी :

  • प्रोत्साहन और रियायतें;
  • वाहनों की रेट्रोफिटिंग; तथा
  • व्यक्तिगत गतिशीलता सहायता।

 

42. सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की सुगम्यता

उपयुक्त सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय करेगी कि

  • ऑडियो, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उपलब्ध सभी सामग्री सुगम्य प्रारूप में हो;
  • दिव्यांग व्यक्तियों को ऑडियो विवरण, सांकेतिक भाषा की व्याख्या और क्लोज कैप्शनिंग प्रदान करके इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की सुगम्यता प्राप्त हो;
  • इलेक्ट्रॉनिक सामान और उपकरण जो रोजमर्रा के उपयोग के लिए हैं, सर्वप्रयोजन डिजाइन में उपलब्ध हों।

 

43. उपभोक्ता सामान

उपयुक्त सरकार दिव्यांग व्यक्तियों के सामान्य उपयोग के लिए सर्वप्रयोजन रूप से डिज़ाइन किए गए उपभोक्ता उत्पादों और सहायक उपकरणों के विकास, उत्पादन और वितरण को बढ़ावा देने के लिए उपाय करेगी।

 

44. सुगम्यता मानदंडों का अनिवार्य पालन

(1) यदि भवन योजना धारा 40 के तहत केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन नहीं करती है, तो किसी भी प्रतिष्ठान को किसी भी ढांचे के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

(2) किसी भी प्रतिष्ठान को किसी भवन के पूर्ण होने का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा या भवन पर कब्जा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि वह केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन नहीं करता है।

 

45. विद्यमान बुनियादी ढांचे और परिसर को सुगम्य बनाने और कार्रवाई करने की समय सीमा तथा उसके लिए कार्यवाही 

(1) सभी विद्यमान सार्वजनिक भवनों को केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों की अधिसूचना की तारीख से पांच साल की अवधि के भीतर नियमों के अनुसार सुगम्य बनाया जाएगा; बशर्ते कि केन्द्र सरकार राज्यों को उनकी तैयारी की स्थिति और अन्य सम्बन्धित मापदंडों के आधार पर इस प्रावधान के पालन के लिए प्रत्येक मामले के आधार पर समय का विस्तार स्वीकृत कर सकती है।

(2) उपयुक्त सरकार और स्थानीय प्राधिकारी सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल अस्पतालों, स्कूलों, रेल्वे स्टेशनों तथा बस स्टॉपों जैसे आवश्यक सेवाएँ प्रदान करने वाले उनके सभी भवनों और स्थानों में सुगम्यता प्रदान करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर एक कार्य योजना तैयार और प्रकाशित करेंगे। 

 

46. ​​सेवा प्रदाताओं द्वारा सुगम्यता के लिए समय सीमा

सेवा प्रदाता चाहे सरकारी हो या निजी, ऐसे नियमों की अधिसूचना की तारीख से दो साल की अवधि के भीतर धारा 40 के तहत केन्द्र सरकार द्वारा तैयार किए गए सुगम्यता पर नियमों के अनुसार सेवाएँ प्रदान करेगा; बशर्ते कि केन्द्र सरकार मुख्य आयुक्त के परामर्श से उक्त नियमों के अनुसार कतिपय श्रेणी की सेवाएँ प्रदान करने के लिए समय विस्तार प्रदान कर सकती है।

 

निम्नलिखित संगठनों ने आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 की धारा 40 के तहत सीसीपीडी के कार्यालय के परामर्श के लिए उनके मसौदे सुसंगत दिशानिर्देश और सुगम्यता मानक दिशानिर्देश प्रस्तुत किए हैं :

  • रेल मंत्रालय
  • सूचना और प्रसारण मंत्रालय; श्रवण बाधितों के लिए टेलीविजन कार्यक्रमों का प्रसारण
  • नागर विमानन मंत्रालय
  • इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय - आईसीटी उत्पादों / समाधानों के लिए 
  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय
  • आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
  • शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग
  • भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस)